Survival of fittest, And competition in Living behaviour.
ये हमे ये बताता है कि किस तरह से जीव जंतुओं को जीवित रहने के लिए, पर्यावरण की स्थिति के अनुसार चेंज होना पडता है। जो Living organisms ऐसा नहीं करते वो extinct aur Rare Category में आ जाते हैं। कोरोना तो ऐसा कर रहा म्युटेशन पे म्यूटेशन कर के सर्वाइवल के लिय, हर Living organisms का यह Nature है चाहे कोई भी हो। Evolution ,( mutation) इक process है Survival का किसी भी Living organisms का। ऐसा ये भी कर रहा कुछ नया नहीं। लेकिन हम इन्सान हो के। हम न social, न physical न । Internal कुछ नहीं बदलाव कर रहे। न चाहते हैं। ऐसा करना क्यों कि हम काफी Development कर चुके हैं न। चांद तक चले गए। अब क्या कोई बिगारेग। लेकिन हकीकत ऐसा नहीं है। न कभी होगा। Survival of fittest, And competition in Living behaviour. ऐ सत्य है। और ये भी। बाप का भी बाप होता है। इस लिये हम सब को लड़ना होगा। इक किसी community को बचाने के लिए उस पुरी community को लड़ना पड़ता है। हमें खुद को बचाना है तो । हमें ख़ुद ही लड़ना होगा। Government कोई भगवान नहीं है। वो भी हमारे ही Community के लोग है। हमें खुद में बदलाव लाना होगा। नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि हम इक इक कर के extinct aur Rare species बन जाये। लाखो दशकों से मानव से जीतता आया है। हर nature ke competition me. Intraspecific Competition. हो या inter specific competition, Human इससे भी जीत लेगा। ये तभी होगा situation aur environment ke हिसाब से हम chage honge| आज के condition के हिसाब से हम मास्क लगाएंगे। Social distence bnayenge. Internal to तो ne system fight kar rha. external to Hum hi karenge| नहीं तो वो दीन दुरे नहीं। जुब हम विलुप्त और दुर्लभ प्रजाति। के लिस्ट में चलें जायेंगे। फिर other Living organisms बतायेगा अपने बच्चों से कि इस समय की बात है। Human रहते थे इस धरती पर 😄😄😄 it's my own thoughts. Man se nhi likhe hai. Man se likha padne ke liye. Go to my other Blog 😊😊😄😄👉 science and technology
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